गणतंत्र दिवस: एक स्वर्णिम दिवस
" बलिदानों का सपना जब सच हुआ, ये देश तब स्वतंत्र हुआ। आओ सलाम करे उन वीर शहीदों को, जिनकी शहादत से ये भारत गणतंत्र हुआ। ।" 26 जनवरी ,भारतीय इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों से लिखी गई तारीख है। भारत वर्ष में पर्व की भाँति मनाया जाने वाला ये वो दिन है जब 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान सभा द्वारा भारतीयों के हाथों में एक ऐसी किताब थमा दी गयी जिसमें सालों से चले आ रहे बेड़ियों, परतंत्रता, बंधनों से मिलने वाली पूर्ण स्वतंत्रता से संबंधित उन तमाम सुनहरे शब्दों की स्वर्णिम चमक भारतीयों के आँखों में उतरती प्रतीत हो रही थी ।ये वो दिन है जब स्वतंत्र भारत में पहली बार लोगों को अपने अधिकारों के प्रयोग ,कर्तव्यों के पालन व देश के लिए उनके तथा उनके लिए इस स्वतंत्र, गणतंत्र देश की महत्ता बतायी जा रही थी तथा बड़े बड़े नेताओं के साथ-साथ सभी भारतीय जनता के आँखों में उनके व देश के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीदें संजोये जा रहे थे । गणतंत्र दिवस की महत्ता से तो सभी परिचित है, इसी दिन संविधान विधात बी आर ...